Life Shayari - जिंदगी शायरी

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ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में

उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में हम,
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,
इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें,
प्यार ढूंढ़ते रहे परछाईयों में हम।

Utre Jo Zindagi Teri Gehraayion Mein Hum,
Mehfil Mein Reh bhi Rahe Tanhaayion Mein Hum,
Isey Deewangi Nahi To Aur Kya Kahein,
Pyaar Dhoodhte Rahe Parchhaiyon Mein Hum.

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ज़िन्दगी से ये मुलाकात

खत्म होती हुई एक शाम
अधूरी थी बहुत,
ज़िन्दगी से ये मुलाकात
ज़रूरी थी बहुत।

Khatm Hoti Hui Ek Sham
Adhoori Thi Bahut,
Zindagi Se Ye Mulakaat
Zaroori Thi Bahut.

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कागज़ पर लिख दूँ जिंदगी

कभी कभी लगता है जी लूँ जिंदगी,
कभी कभी लगता है छोड़ दूँ जिंदगी,
इस जिंदगी के किस्से बहुत हैं,
मन करता है कागज़ पर लिख दूँ जिंदगी।
~सचिन कुमार

शायरी ज़िन्दगी तूने कहाँ

साथ भी तब छोड़ा
जब सब बुरे दिन कट गए,
ज़िन्दगी तूने कहाँ
आकर दिया धोखा मुझे।

Saath Bhi Chhoda
Jab Sab Bure Din Kat Gaye,
Zindagi Tu Ne Kahan
Aakar Dhhokha Diya Mujhe.

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खुली किताब है ज़िन्दगी

लम्हों की खुली किताब है ज़िन्दगी,
ख्यालों और सांसों का हिसाब है ज़िन्दगी,
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों का जवाब है ज़िन्दगी।

Lamhon Ki Khuli Kitaab Hai Zindagi,,
Khyalon Aur Saanson Ka Hisaab Hai Zindagi,
Kuchh Jaruratein, Kuchh Khwahishein Adhoori,
Inhin Sawalon Ka Jawab Hai Zindagi.

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कहानियों का सिलसिला बस

कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,
रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।

~नवनीत चौबे

BeWafa Zindagi

कुछ तो बेवफाई तू भी करती है ऐ जिंदगी,
वरना तुझे छोड़ कर लोग जाते क्यों।

Kuchh To BeWafai Tu Bhi Karti Hai Ai Zindagi,
Warna Tujhe Chhod Kar Log jaate Kyon.

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Itna Ulajh Gaya Hoon

ज़िन्दगी के सफर में इतना उलझ गया हूँ,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।

जहाँ तक रास्माता मालूम था हमसफर चलते गए,
रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।

मंजिल की तलाश में खुद को अकेले चलना होगा,
भटका हूँ तो क्या हुआ संभालना भी खुद को होगा।

ज़िन्दगी के सफर में इतना उलझ गया हूँ,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।