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Zindagi Mein Dard Sab
जिंदगी में दर्द सब सहते रहे,
जो मिला था प्यार हम खोते रहे।
नफरतों के बीच नाजुक दिल मेरा,
तोड़ के वादे सभी चलते रहे।
बढ रही बेचैनियां मेरी यहाँ,
रात को तुम ख्वाब में आते रहे।
लौट आयी जिंदगी फिर से वहीं,
पेट की उस भूख से रोते रहे।
आँखों में छाया नशा है प्यार का,
इश्क में तेरे वफा मिलते रहे।
चाहतों के दरमियां इंतजार है,
भूलकर भी आज हम मिलते रहे।
रख लिया पत्थर दिलों में हमने भी,
दर्द की दास्तान को सुनते रहे।
(ओम नारायण)
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