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दरिया से प्यासा निकला
तिश्नगी जम गई पत्थर की तरह होंठों पर,
डूब कर भी तेरे दरिया से मैं प्यासा निकला।
जिगर मुरादाबादीTishnagi Jam Gai Patthar Ki Tarah Honthon Par,
Doob Kar Bhi Tere Dariya Se Main Pyaasa Nikla.
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