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तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में
कुछ रिश्तों को कभी भी नाम न देना तुम,
इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्जाम न देना तुम,
ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में,
कि अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम न देना तुम।
Kuchh Rishton Ko Kabhi Naam Na Dena Tum,
Inhein Chalne Do Aise Hi Ilzaam Na Dena Tum,
Aise Hi Rehne Do Tum Tishngi Har Lafz Mein,
Ki Alfaazon Ko Mere Anzaam Na Dena Tum.
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