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चमन में जो भी थे
चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे,
तमाम काँटे हमारे थे और फूल उसके थे,
मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करता,
शहर में फैसले सबको कबूल उसके थे।
Chaman Mein Jo Bhi The Nafiz Usool Uske The,
Tamaam Kaante Humare The Aur Phool Uske The,
Main Ilteza Bhi Karta Toh Kis Tarah Karta,
Shahar Mein Faisle Sabko Qabool Uske The.
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