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मोहब्बत में ठिकाना न रहा
मोहब्बत में न अपना कोई ठिकाना रहा,
सारी उम्र बस उनका आना-जाना रहा,
हमने राज खुलने न दिए दिल के उनपर,
खतों में हर्फ़ का लिखना मिटाना रहा।
Mohabbat Mein Na Apna Koyi Thikaana Raha,
Saari Umr Bas Unka Aana-Jaana Raha,
Humne Raaz Khulne Na Diye Dil Ke Un Par,
Khaton Mein Harf Ka Likhna Mitaana Raha.
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