- Home
- Sad Shayari
- वही वहशत वही हैरत
वही वहशत वही हैरत
वही वहशत, वही हैरत,
वही तन्हाई है मोहसिन,
तेरी आँखें मेरे ख़्वाबों से
कितनी मिलती-जुलती हैं।
मोहसिन नक़वीWohi Wehshat, Wohi Hairat,
Wohi Tanhaai Hai Mohsin,
Teri Aankhein Mere Khwaabon Se
Kitni Milti-Julti Hain.
-Advertisement-
-Advertisement-