ज़माने की ये गर्दिशें

ज़माने की ये गर्दिशें परेशां करती हैं,
कोई ले चले जहाँ नफस का फ़साना न हो।

Zamane Ki Yeh Gardishein Pareshaan Karti Hain,
Koi Le Chale Jahan Nafas Ka Fasaana Na Ho.

ज़माने की ये गर्दिशें Shayari

-Advertisement-
-Advertisement-