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बिछड़ कर फिर मिले
बिछड़ कर फिर मिले जो हाल पूछेंगे,
मिरे बिन कैसे गुज़रे साल पूछेंगे।
नहीं मुझ सा कोई आशिक़ ज़माने में,
मुझे मालूम है फ़िलहाल पूछेंगे।
अदालत में है ये पेशा वकीलों का,
सवालों से ही हाल-ओ-चाल पूछेंगे।
दीपक दूबेयही रस्ता अगर संसद भवन का है,
चलाएं कब- तलक हड़ताल पूछेंगे।
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