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दर्द शायरी
दोस्तों, यहाँ पर आप दर्द भरी शायरी (Dard Bhari Shayari) का एक बेहतरीन संग्रह पढ़ सकते हैं। सभी दर्द शायरी (Dard Shayari in Hindi) हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं। जो आप अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
दर्द को फिर से जगा देता है
गुजरता वक्त हमें एहसास करा देता है,
जिसे चाहते हैं हम दिल से वो ही दिल दुखा देता है,
वक़्त मरहम लगा देता है जिन जख्मों पे,
कोई अपना उस दर्द को फिर से जगा देता है।
Gujarta Waqt Humein Ehsaas Kara Deta Hai,
Jise Chahte Hai Hum Dil Se Wo Hi Dil Dukha Deta Hai,
Waqt Marham Laga Deta Hai Jin Zakhmo Pe,
Koi Apna Uss Dard Ko Fir Se Jaga Deta Hai.
तेरे इश्क़ की अलामत है
हमारी क़ब्र पर कभी चराग़ जला देना,
ज़िन्दगी में अंधेरा भी तुम्हारी ही रहमत है,
हर अश्क़ बयां करता है बेरुखी तेरी,
हर ज़ख्म-ए-दिल, तेरे इश्क़ की अलामत है।
~गुलाम अली बकई
दर्द के मिलने से
दर्द के मिलने से ऐ यार बुरा क्यों माना,
उसको कुछ और सिवा दीद के मंज़ूर न था।
Dard Ke Milane Se Ai Yaar Bura Kyon Maana,
Usko Kuchh Aur Siwa Deed Ke Manzoor Na Tha.
हाल मुझ गम-जदा का जिस जिस ने,
जब सुना होगा रो दिया होगा।
Haal Mujh Gham-Zadaa Ka Jis Jis Ne,
Jab Suna Hoga Ro Diya Hoga.
Zakhm Bhar Gaye
भर गए हैं अब वो ज़ख्म,
जो तूने कभी दिए थे,
लेकिन हैं याद अभी भी वो वादे,
जो तूने कभी किये थे.
वक़्त गुजर गया लम्हे गुजर गए,
हम चुपचाप ये ख़ामोशी सह गए,
तुम कहाँ से कहाँ,
और हम वहीं रह गए.
रह गए तेरे वादों के दरमियाँ,
और ज़िन्दगी यूँ ही गुजरती रही,
जश्न-ए-ख़ामोशी में,
हर रात सुलगती रही.
सुलग गए मेरे अरमान भी,
जूनून-ए-मोहब्बत में कभी किये थे,
भर गए हैं अब वो ज़ख्म,
जो तूने कभी दिए थे.
Dard Yahan Milta Hai
हौंसला मत हार,
गिरकर ऐ मुसाफिर..!
अगर दर्द यहाँ मिलता है तो,
दवा भी यहीं मिलेगी..!!
Haunsla Mat Haar
GirKar Ai Musafir ..!
Agar Dard Yahan Milta Hai To,
Dawa Bhi Yahin Milegi..!!
Tera Haath Chhootna
इतना गुरूर जो था, मुझे अपने प्यार पर,
वो टूटना भी जरूरी था,
कुछ ज्यादा ही प्यार से, जो थामा तेरा हाथ,
वो छूटना भी जरूरी था।
Itna Guroor Jo Tha Mujhe Apne Pyar Par,
Wo Tootna Bhi Zaroori Tha,
Kuchh Jyada Hi Pyaar Se Jo Thama Tera Haathh,
Wo Chhootna Bhi Zaroori Tha.
Honthho Pe Mera Naam
Unke Honthho Pe Mera Naam Jab Aaya Hoga,
Khudko Ruswayi Se Phir Kaise Bachaya Hoga,
Sunke Fasana Auro Se Meri Barbadi Ka,
Kya Unko Apna Sitam Na Yaad Aaya Hoga?
उनके होंठो पे मेरा नाम जब आया होगा,
खुद को रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा,
सुनके फ़साना औरों से मेरी बर्बादी का,
क्या उनको अपना सितम न याद आया होगा?
Aansoo Aur Dard Mila Payar Karke
कितनी आरजू हमको तुमसे दिल लगाने की है,
क्यों नहीं फिर इजाजत हमको करीब आने की है,
तुमसे प्यार करके हमें बस चंद आंसू और दर्द मिला,
ये सजा शायद हमारे लिये प्यार को निभाने की है।
Kitni Aarzoo Humko Tumse Dil Lagaane Ki Hai,
Kyon Nahin Phir Ijazat Humko Kareeb Aane Ki Hai,
Tumase Pyaar Karke Humein Bas Chand Aansoo Aur Dard Mila,
Ye Saza Shayad Humare Liye Pyaar Ko Nibhaane Ki Hai.