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दिल शायरी
उल्फत का दस्तूर शायरी
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है।
Dil Tujhe Samjhaun Kaise
Tu Hi Bata Dil Ke Tujhe Samjhaun Kaise,
Jise Chahta Hai Tu Usey Najdeek Laaun Kaise,
Yoon Toh Har Tamanna Har Ahsaas Hai Wo Mera,
Magar Usko Bhi Yeh Ahsaas Dilaaun Kaise.
तू ही बता दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा,
मगर उसको ये एहसास दिलाऊं कैसे।
Mohabbat Mujhe Thi Usi Se
Mohabbat Mujhe Thi Usi Se Sanam,
Yadaon Me Uski Yeh Dil Tadpta Raha,
Maut Bhi Meri Chahat Ko Rok Na Saki,
Kabr Me Bhi Yeh Dil Dhadkta Raha!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम,
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा ।
Mohabbat Nahi Karta
Mujhe Nahi Pata Ke Ye Bigad Gaya Ya Sudhar Gaya,
Bas Ab Ye Dil Kisi Se Mohabbat Nahi Karta !
मुझे नही पता कि ये बिगड़ गया या सुधर गया,
बस अब ये दिल किसी से मोहब्बत नही करता।
Dil Se Ho Mera
Mujhe Rishton Ki Lambi Kataaro Se
Kya Matlab...
Koyi Dil Se Ho Mera To Ek
Shakhs Hi Kaafi Hai !
मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से
क्या मतलब...
कोई दिल से हो मेरा तो एक
शख्स ही काफी है ।
Mohabbat Se Kianara
Tazurba Kahta Hai
Mohabbat Se Kianara Kar Lu,
Aur Dil Kahta Hai
Ye Tazurba Dobara Kar Lu.
तजुर्बा कहता है
मोहब्बत से किनारा कर लूँ...
और दिल कहता है
ये तज़ुर्बा दोबारा कर लूँ।
Dil Bahalata Nahi
Ye To Nahi Ki Tum Sa Jahan Me Haseen Nahi,
Is Dil Ka Kya Karoon Ye Bahalata Kahin Nahi !
ये तो नहीं कि तुम सा जहान में हसीन नहीं,
इस दिल का क्या करूँ ये बहलता कहीं नहीं।
Dil Se Nahi Kahte
Sau Baar Kaha Dil Se...
Chal Bhool Bhi Ja Usko !
Har Baar Kaha Dil Ne...
Tum Dil Se Nahi Kahte !
सौ बार कहा दिल से..
चल भुल भी जा उसको ।
हर बार कहा दिल ने..
तुम दिल से नही कहते ।