Hate Shayari in Hindi
नफरत थी मुझसे...
नफरत थी मुझसे तो इज़हार क्यों किया,
देना था ज़हर मुझको तो प्यार क्यों किया,
ज़हर दे के कहते हो पीना ही होगा,
पी गया तो कहते हो अब जीना ही होगा।
हमसे नफरत...
वो जो हमसे नफरत करते हैं,
हम तो आज भी सिर्फ़ उन पर मरते हैं,
नफ़रत है तो क्या हुआ यारों,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।
(अनिल कुमार साहू)
यूँ नफरत नहीं होती...
दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती।
Karte Ho Itni Nafarat...
Chala Jaunga Main Dhundh Ke Badal Ki Tarah,
Dekhte Rah Jaoge Mujhe Pagal Ki Tarah,
Jab Karte Ho Mujhe Itni Nafrat Toh Kyun?
Sajaate Ho Aankhon Mein Mujhe Kajal Ki Tarah.
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।
कुछ इस अदा से...
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।