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इश्क़ शायरी
Ishq Ki Saajishein
इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं,
मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है।
Ishq Ne Humse Kuchh Aisi Saajishein Rachi Hain,
Mujhme Main Nahin Hoon Ab Bas Tu Hi Tu Basi Hai.
Mujhe Ishq Hua Hai
आज कुछ लिखने की फ़िराक में हूँ,
आज सुबह ही मुझे इश्क़ हुआ है।
Aaj Kuchh Likhne Ki Firaak Mein Hoon,
Aaj Subah Hi Mujhe Ishq Hua Hai.
Kiya Ishq Ne Haal Aisa
किया इश्क़ ने मेरा हाल कुछ ऐसा,
ना अपनी है खबर ना दिल का पता है,
कसूरवार था मेरा ये दौर-ए-जवानी,
मैं समझता रहा सनम की खता है।
Kiya Ishq Ne Mera Haal Kuchh Aisa,
Na Apni Hai Khabar Na Dil Ka Pata Hai,
Kasoorwar Tha Mera Ye Daur-e-Jawani,
Main Samajhta Raha Sanam Ki Khata Hai.
Ishq Hai Agar
इश्क़ है अगर
शिकायत न कीजिए..!
और शिकवे हैं तो
मोहब्बत न कीजिए..!!
Ishq Hai Agar
Shikayat Na Keejiye..!
Aur Shiqawe Hain To
Mohabbat Na Keejie..!!
Bas Ishq Kar
ना रूठना ना मनाना, ना गिला ना शिकवा कर,
गर करना है तो बस इश्क़ कर, बे-इन्तहा कर।
कुछ बूंदें तो गिरा प्यार की दिल जमीन पर,
बड़ी आग लगी है दिल में सब कुछ लुटाकर।
एहसान एक कर, मिला कर नजरों से नजर,
कभी हकीकत में भी आ ख्वाबों से निकलकर।
गर करना है तो इश्क़ कर...और बे-इन्तहा कर।
(प्रशान्त तिवाड़ी)
Charche Kisse Narajgi
चर्चे... किस्से...नाराजगी आने दो,
मुझको इश्क़ में और
इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो।
Charche... Kisse... Narajgi Aane Do,
Mujhko Ishq Mein Aur
Ishq Ko Mujh Mein MashHoor Ho Jaane Do.
Ishq Ki Pehchaan
सिर्फ सितारों में ही होती मोहब्बत अगर,
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता,
बस पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल,
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान ना देता।
Sirf Sitaaron Mein Hi Hoti Mohabbat Agar,
To In Alfaazon Ko KhoobSoorati Kaun Deta,
Bas Patthar Bankar Reh Jaata Tajmahal,
Agar Ishq Ise Apni Pehchaan Na Deta.
Ishq Mein Tere Jaaga
इश्क में तेरे जागा वर्षों और तन्हाई बनी रही,
धूप रही मेरे चौतरफा पर पुरबाई बनी रही।
Ishq Mein Tere Jaaga Varshon Aur Tanhai Bani Rahi,
Dhoop Rahi Mere Chautarfa Par Purabayi Bani Rahi.