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इश्क़ शायरी
इश्क़ गुनाह है
अगर इश्क़ गुनाह है तो गुनाहगार है खुदा,
जिसने बनाया दिल किसी पर आने के लिए।
इश्क़ ही ख़ुदा
जो मिला मुसाफ़िर वो रास्ते बदल डाले,
दो क़दम पे थी मंज़िल फ़ासले बदल डाले।
आसमाँ को छूने की कूवतें जो रखता था,
आज है वो बिखरा सा हौंसले बदल डाले।
शान से मैं चलता था कोई शाह कि तरह,
आ गया हूँ दर दर पे क़ाफ़िले बदल डाले।
फूल बनके वो हमको दे गया चुभन इतनी,
काँटों से है दोस्ती अब आसरे बदल डाले।
इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी आरज़ू आई,
ख़ूब तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले।
इश्क है वही जो
इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार-ए-इश्क तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
क्या चीज है इश्क
इश्क क्या चीज होती है यह पूछिये परवाने से,
जिंदगी जिसको मयस्सर हुई मर जाने के बाद।
Ishq Ki Intehaan Chahta Hai
Wo Mujh Tak Aane Ki Raah Chahta Hai,
Lekin Meri Mohabbat Ka Gawaah Chahta Hai,
Khud Aate Jaate Mausamo Ki Tarah Hai,
Aur Mere Ishq Ki Intehaan Chahta Hai
वो मुझ तक आने की राह चाहता है,
लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है,
खुद आते जाते मौसमों की तरह है,
और मेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता है।
अकेले हम शामिल नहीं
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे।
Ishq Ki Raah Mein
Ishq Ki Raah Mein Mumsik To Bahut Mile,
Mila De Mehboob Se Na Aaj Tak Koi Aisa Mila.
इश्क के रास्ते में मुमसिक तो बहुत मिले,
मिला दे महबूब से न आज तक कोई ऐसा मिला.
Tere Pyar Ka ilzam
Meri Qismat Mein Hai Ek Din Giraftaar-e-Wafa Hona,
Mere Chehre Pe Tere Pyar Ka ilzam Likha Hai.
मेरी किस्मत में है एक दिन गिरफ्तार-ए-वफ़ा होना,
मेरे चेहरे पे तेरे प्यार का इलज़ाम लिखा है।