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हिंदी शायरी
Tumhari Zulfon Ke Saaye

Tumhari Zulfon Ke Saaye Mein Shaam Kar Lunga,
Safar Iss Umr Ka Pal Mein Tamaam Kar Lunga.
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों के साये में शाम कर लूंगा,
सफर इस उम्र का पल में तमाम कर लूंगा।
तन्हाई के समंदर

सुकून अपने दिल का मैंने खो दिया,
खुद को तन्हाई के समंदर मे डुबो दिया,
जो थी मेरे कभी मुस्कराने की वजह,
उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया।
दुनिया बहुत मतलबी
दुनिया बहुत मतलबी है,
साथ कोई क्यों देगा,
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता,
तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
ख्वाब आँखों में
ख्वाब आँखों में जितने पाले थे,
टूट कर के बिखर ने वाले थे।
जिनको हमने था पाक दिल समझा,
उन्हीं लोगों के कर्म काले थे।
पेड़ होंगे जवां तो देंगे फल,
सोच कर के यही तो पाले थे।
सबने भर पेट खा लिया खाना,
माँ की थाली में कुछ निवाले थे।
आज सब चिट्ठियां जला दी वो,
जिनमें यादें तेरी संभाले थे।
हाल दिल का सुना नहीं पाये,
मुँह पे मजबूरियों के ताले थे।
- अभिषेक कुमार अम्बर
छोटे छोटे सपने
छोटे छोटे सपने हैं मेरे, छोटी सी आशा,
पूरी दुनिया पर हुकूमत हो मेरी बस इतनी सी अभिलाषा।
वो बेवफ़ाई करके

कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।
क्या चीज है इश्क
इश्क क्या चीज होती है यह पूछिये परवाने से,
जिंदगी जिसको मयस्सर हुई मर जाने के बाद।
गुजरे है इस मुकाम

गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम से
नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से
हम वह नहीं जो मोहब्बत में रो कर के
जिंदगी को गुजार दे...
अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाए
तो उसे भी ठोकर मार दें।