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हिंदी शायरी
रूप से अक्सर प्यार
रूप से अक्सर प्यार नहीं होता,
मन चाहा सपना साकार नहीं होता,
हर किसी पर न मर मिटना मेरे दोस्त,
क्योंकि हर किसी के दिल में सच्चा प्यार नहीं होता।
मत कर हिसाब
मत कर हिसाब किसी के प्यार का,
कहीं बाद में तू खुद ही कर्ज़दार न निकले।
अफ़सोस करने से
अफ़सोस करने से बढ़िया है,
कम से कम एक बार कोशिश जरूर करना।
बेरुख़ी का मुकम्मल असर
ख़ात्मा-ए-मोहब्बत मुमकिन नही है पाक मोहब्बत मे ज़नाब,
ये तो बस कुछ वक़्त की बेरुख़ी का मुकम्मल असर होती है।
करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी का मतलब समझ नही आया हमें,
मालूम होता है अपने ही शहर में भूला हुआ मुसाफ़िर हूँ।
मत पूछो उनसे यादों की कीमत जो खुद ही यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादों की कीमत तो वो जानते हैं जो सिर्फ यादों के सहारे जिया करते हैं।
अंदाज़ा नही था संगदिल शख़्स से मोहब्बत अदा फ़रमा रहें हैं,
ग़र मालूम होता तो कभी रुख़्सत भी ना होते शहर-ए-मोहब्बत से।
अब छोड़ दी है उसकी आरज़ू हमेशा के लिए सागर,
जिसे मोहब्बत की क़दर ना हो उसे दुआओं में क्या माँगना।
अज़ीब सी कश्मकश मे उलझ कर रह गयी है आजकल ज़िन्दगी हमारी,
उन्हें याद करना नही चाहते और भूलना तो जैसे नामुमकिन सा है।
एक तरफ़ दामन-ए-मोहब्बत और दूसरी तरफ़ है फ़र्ज़ हमारा,
अब तू ही बता ऐ ज़िन्दगानी ! तेरा क़र्ज़ किस तरह अदा किया जाये।
आँखो के फैसले
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है...
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
दिल में रहते
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह।
Aandhi Se Koi Kah De
Suraj Chaand Sitare Mere Saath Mein Rahe,
Jab Tak Tumhara Haath Mere Haath Mein Rahe,
Shakhon Se Jo Toot Jaye Wo Patte Nahi Hain Hum,
Aandhi Se Koi Kah De Ke Aukat Mein Rahe.
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे,
शाखों से जो टूट जाये वो पत्ते नही है हम,
आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।