हिंदी शायरी

हम जो जिन्दा हैं

मार ही डाले जो बे मौत, ये दुनिया वाले,
हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं।

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सदफ की क्या हकीकत

सदफ की क्या हकीकत है, अगर उसमें न हो गौहर,
न क्यों कर आबरू हो आंख की मौकूफ आंसू पर।
(सदफ - सीप, गौहर - मोती)

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बेदिल ना समझें

वो दिल लेकर हमें बेदिल ना समझें उनसे कह देना,
जो हैं मारे हुए नज़रों के उनकी हर नज़र दिल है।

तेरी आँखों के सिवा

मैने समझा था कि तू है तो दरख़्शां है हयात,
तेरा ग़म है तो ग़मे-दहर का झगड़ा क्या है,
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात,
तेरी आँखों के सिवा दुनिया मे रक्खा क्या है।

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तू तब तक रूला

तू तब तक रूला सकती है हमें,
जब तक हम दिल मे बसाये हैं तुझे.

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इंतजार उस दिन का

इंतजार तो बस उस दिन का है...
जिस दिन तुम्हारे नाम के पीछे हमारा नाम लगेगा.

बदलते लोग बदलते रिश्ते

बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,
चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है.

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रो लेते है कभी

रो लेते है कभी Shayari

रो लेते हैं कभी कभी,
ताकि आंसुओं को भी कोई शिकायत ना रहे।