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Mohsin Naqvi Shayari
वही वहशत वही हैरत
वही वहशत, वही हैरत,
वही तन्हाई है मोहसिन,
तेरी आँखें मेरे ख़्वाबों से
कितनी मिलती-जुलती हैं।
मोहसिन नक़वीWohi Wehshat, Wohi Hairat,
Wohi Tanhaai Hai Mohsin,
Teri Aankhein Mere Khwaabon Se
Kitni Milti-Julti Hain.
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वो मोहब्बत दिखाता रहा
आज बड़ी देर तक वो मोहब्बत
दिखाता रहा मोहसिन,
न जाने क्यों लगा कि वो मोहब्बत
छोड़ जाएगा।
मोहसिन नक़वीAaj Badi Der Tak Wo Mohabbat
Dikhata Raha Mohsin,
Na Jane Kyun Laga Ki Wo Mohabbat
Chhod Jaayega.
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Zindagi Ki Thokarein
मोहसिन नक़वीमज़ा देती हैं उनको
ज़िन्दगी की ठोकरें मोहसिन,
जिनको नाम-ए-खुदा लेकर
संभल जाने की आदत हो।
Maza Deti Hain Unko
Zindagi Ki Thokarein Mohsin,
Jinko Naam-e-Khuda Lekar
Sambhal Jaane Ki Aadat Ho.