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Vishal Baboo Shayari
Kisi Ke Dil Mein
विशाल बाबूKhush Hoon Ke Mujhko Jala Ke Tum Hanse To Sahi,
Mere Na Sahi Kisi Ke Dil Mein Base To Sahi.
खुश हूँ कि मुझको जला के तुम हँसे तो सही,
मेरे न सही... किसी के दिल में बसे तो सही।
Tanhaai Mein Aankhon Se
विशाल बाबूकहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है,
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती,
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है।
Kahin Par Shaam Dhalti Hai Kahin Par Raat Hoti Hai,
Akele Gumsum Rehte Hain Na Kisi Se Baat Hoti Hai,
Tumse Milne Ki Aarzoo Dil Behlane Nahin Deti,
Tanhaai Mein Aankhon Se Ruk-Ruk Ke Barsaat Hoti Hai.
दशहरे का पावन पर्व
विशाल बाबूदशहरे का पावन पर्व अच्छाई की जीत का सन्देश दे रहा है ।
बुराई का दशानन भी अच्छाई की अग्नि में विध्वंस हो रहा है ।
प्रभु श्रीराम के आचरण और इस पर्व के सन्देश को अपनाएँ ।
इसी के साथ दशहरा पर्व की हजारो हजार शुभकामनायें ।
Humare Ishq Ko Yoon
Humare Ishq Ko Yoon Na Aazmaao Sanam,
Pattharo Ko Dhadkna Sikha Dete Hain Hum.
विशाल बाबूहमारे इश्क़ को यूं न आज़माओ सनम,
पत्थरों को धड़कना सिखा देते हैं हम ।
Jan Sewa Ka Sundar Vikalp
विशाल बाबूजन सेवा का सुंदर विकल्प।
नेत्र दान का ले संकल्प।।
Jan Sewa Ka Sundar Vikalp
NetraDaan Ka Lein Sankalp.
Jadon Ki Gunguni Dhoop
Jadon Ki Gunguni Dhoop
Garmiyon Ki Shaame
Aur Barsaat Ki Hariyali
Mujhe Mayoos Karte Hain
Main Kuchh Kho Sa Jata Hoon
Fir...
Kabhi Tere Khayalaat
Aur Kabhi Mere Jazbaat
Haavi Hote Jaate Hain
Fir Ek Saawan Aata Hai
Sab Kuchh Bah Sa Jaata hai
Mujhe Mahsoos Hota Hai
Agar Main Hoon To Fir Kyun Hoon
Man Jaane Kya Kya Kah Jata Hai
Par Dard Ansuna Rah Jaata Hai..!
विशाल बाबूजाड़ों की गुनगुनी धूप
गर्मियों की शामें
और बरसात की हरियाली
मुझे मायूस करते हैं
मैं कुछ खो सा जाता हूँ
फिर...
कभी तेरे ख्यालात
और कभी मेरे जज़्बात
हावी होते जाते हैं
फिर एक सावन आता है
सब कुछ बह सा जाता है
मुझे महसूस होता है
अगर मैं हूँ तो फिर क्यूँ हूँ
मन जाने क्या क्या कह जाता है
पर दर्द अनसुना सा रह जाता है ..।