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शराब शायरी
मै शराबी क़्यूं हुआ
ये ना पूछ मै शराबी क़्यूं हुआ,
बस यूं समझ ले..
गमों के बोझ से,
नशे की बोतल सस्ती लगी ।
Hosh-o-Hawaas Me Bahko
Hosh-o-Hawaas Me Bahko To Koyi Baat Bane,
Yu Nashe Me Ludakna To Yaar Purana Hua !
होशो हवास में बहको तो कोई बात बने,
युं नशे में लुढ़कना तो यार पुराना हुआ ।
Peene Se Tauba
Peene Se Kar Chuka Tha Main Tauba Dosto,
Baadalo Ka Rang Dekh Niyat Badal Gayi !
जलील मानिकपुरीपीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलो का रंग देख नीयत बदल गई।।
Jo Tum Sharaab Peete Ho
Chheen Kar Hatho Se Jaam
Wo Is Andaaz Se Boli,
Kami Kya Hai In Hotho Me
Jo Tum Sharaab Peete Ho !
छीनकर हाथों से जाम
वो इस अंदाज़ से बोली,
कमी क्या है इन होठों में
जो तुम शराब पीते हो ।
Nasha Pila Ke Girana
Nasha Pila Ke Girana To
Sabko Aata Hai...
Mazaa To Tab Hai Ki
Girton Ko Thaam Le Saaqi!!
नशा पिला के गिराना तो
सब को आता है,
मज़ा तो तब है कि
गिरतों को थाम ले साक़ी ।
Thoda Gham Mila To
Thoda Gham Mila To Ghabra Ke Pee Gaye,
Thodi Khushi Mili To Mila Ke Pee Gaye,
Yun To Na Thi Humen Ye Peene Ki Aadat...
Sharab Ko Tanha Dekha To Taras Kha Ke Pee Gaye!
थोड़ा गम मिला तो घबरा के पी गए,
थोड़ी ख़ुशी मिली तो मिला के पी गए,
यूँ तो हमें न थी ये पीने की आदत...
शराब को तनहा देखा तो तरस खा के पी गए।