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ग़म शायरी
उनके हिस्से का गम
इलाही उनके हिस्से का भी गम मुझको अता कर दे,
कि उन मासूम आंखों में नमी देखी नहीं जाती।
Chahat To Har Kisi
Chahat To Har Kisi Ki Puri Nahi Hoti,
Ghamo Ke Bina Zindgi Aasha Nahi Hoti,
Kuchh Log Beech Mein Hi Saath Chhod Dete Hain,
Par Bina Kisi Ke Zindgi Adhoori Nahi Hoti.
चाहत तो हर किसी की पूरी नहीं होती,
ग़मों के बिना जिन्दगी आशा नहीं होती,
कुछ लोग तो बीच मे ही साथ छोड़ देते हैं,
पर बिना किसी के ज़िंदगी अधूरी नहीं होती।
Mere Gham Ki Kahani
Chaha Tha Mukammal Ho Mere Gham Ki Kahani,
Main Likh Na Saka Kuchh Bhi Tere Naam Se Aage.
चाहा था मुक्कमल हो मेरे गम की कहानी,
मैं लिख ना सका कुछ भी, तेरे नाम से आगे।
कोई गम नहीं
और कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा,
मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा,
यूँ तो मिलन की रातें मिली बेशुमार,
प्यार में सब कुछ मिला शहनाई के सिवा.
Rahat Na Mili
Rahat Mili Na Dil Ko,
Na Chain-o-Sukoon Mila,
Barish Bhi Hoti Rahi Raat Bhar,
Aur Kambakht Dil Bhi Jalta Raha.
राहत मिली ना दिल को,
ना चैन-ओ-सकून मिला,
बारिस भी होती रही रातभर,
और कमबख्त दिल भी जलता रहा।
Kis Gham Ki Kasak Hai
Nikal Padte Hain Aansoo Hanste Hanste,
Yeh Kis Gham Ki Kasak Hai Har Khushi Mein.
निकल आते हैं आंसू हँसते हँसते,
ये किस ग़म की कसक है हर खुशी में।
मेरे गम के किस्से
किसे सुनाएँ अपने गम के
चन्द पन्नो के किस्से...
यहाँ तो हर शख्स
भरी किताब लिए बैठा है l
Toot Kar Bikhar Gaya
Gham To Hai Har Ek Ko,
Magar Hausla Hai Juda-Juda,
Koi Toot Kar Bikhar Gaya,
Koi Muskura Ke Chal Diya.
गम तो है हर एक को,
मगर हौंसला है जुदा- जुदा,
कोई टूट कर बिखर गया,
कोई मुस्कुरा के चल दिया ।