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हिंदी शायरी
तुम अपनी निगहबानी
साहिर लुधियानवीमैं देखूँ तो सही यह दुनिया तुझे कैसे सताती है,
कोई दिन के लिए तुम अपनी निगहबानी मुझे दे दो।
उनके हिस्से का गम
इलाही उनके हिस्से का भी गम मुझको अता कर दे,
कि उन मासूम आंखों में नमी देखी नहीं जाती।
Husn Ki Baat Chali Toh
Chup Na Hogi Hawa Bhi, Kuchh Kahegi Ghata Bhi,
Aur Mumkin Hai Tera, Zikr Kar De Khuda Bhi,
Phir Toh Patthar Bhi Shayad Zabt Se Kaam Lenge,
Husn Ki Baat Chali Toh Sab Tera Naam Lenge.
चुप ना होगी हवा भी, कुछ कहेगी घटा भी,
और मुमकिन है तेरा, जिक्र कर दे खुद़ा भी।
फिर तो पत्थर भी शायद ज़ब्त से काम लेंगे,
हुस्न की बात चली तो, सब तेरा नाम लेंगे।
हम कितने दिन जिए
हम कितने दिन जिए ये जरुरी नहीं,
हम उन दिनों में कितना जिए ये जरुरी है।
Tujhe Dil Se Juda Hona Hai
Itna Betaab Na Ho Mujhse Bichhadne Ke Liye,
Tujhe Aankhon Se Nahi Mere Dil Se Juda Hona Hai.
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।
समेट कर ले जाओ
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
गुमनामी का अँधेरा
गुमनामी का अँधेरा कुछ इस तरह छा गया है,
कि दास्ताँ बन के जीना भी हमें रास आ गया है।
वो आँसू वो तड़प
ले लो वापस वो आँसू वो तड़प वो यादें सारी,
नहीं कोई जुर्म हमारा तो फिर ये सजाएं कैसी।