हिंदी शायरी

तमाम उम्र किसी

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

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तबीयत ही मिली ऐसी

कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी,
चैन से जीने की सूरत नहीं हुई,
जिसको चाहा उसे अपना न सके,
जो मिला उससे मुहब्बत न हुई।

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Sapano Mein Kho Gaye

Sapano Mein Kho Gaye Shayari

Iss Kadar Hum Unki Mohabbat Mein Kho Gaye,
Ke Ek Najar Dekha Aur Bas Unhin Ke Ho Gaye,
Aankh Khuli Toh Andhera Tha Dekha Ek Sapna Tha,
Aankh Band Ki Aur Unhin Sapano Mein Kho Gaye.
Shubh Ratri..!

इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्ही के हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था, देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनों में फिर खो गए।
शुभ रात्रि ।

क़यामत की शोख़ियाँ

दिल में समा गई हैं क़यामत की शोख़ियाँ,
दो-चार दिन रहा था किसी की निगाह में।

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सादगी से लोग जलें

आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।

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सर झुकाए कैसे

लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।

Haalaat Badalne Ki Himmat

Haalaat Badalne Ki Himmat Shayari

Kahte Hain Har Baat Jubaan Se Hum Ishara Nahi Karte,
Aasmaan Par Chalne Wale Zameen Se Gujara Nahi Karte,
Har Haalaat Badalne Ki Himmat Hai Hum Mein,
Waqt Ka Har Faisla Hum Ganwara Nahi Karte.

कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते,
आसमां पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गँवारा नहीं करते।

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दोस्ती इस कदर

क्या कहे कुछ कहा नही जाता,
दर्द मीठा है पर रहा नही जाता,
दोस्ती हो गई इस कदर आपसे,
बिना याद किये बिना रहा नहीं जाता।