हिंदी शायरी

किस किस से लड़े

किस किस से लड़े Shayari

देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से,
मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है।

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​खयालों में ​उसके

​खयालों में ​उसके मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी,
​​इबादत कर नहीं पाया खुदा नाराज़ मत होना​।

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मोहब्बत की कहानी

मोहब्बत की भी देखों ना,
कितनी अजीब कहानी है,
जहर तों पिया मीरा ने,
फिर भी राधा ही दिल की रानी हैं।

उसके साथ रहते रहते

उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,
उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,
एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,
दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी।

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चांदनी रात में बरसात

चांदनी रात में बरसात बुरी लगती है...
और महबूबा रूठ जाये तो हर बात बुरी लगती है।

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हाथ मेरे भूल बैठे

हाथ मेरे भूल बैठे दस्तकें देने का फ़न,
बंद मुझ पर जब से उस के घर का दरवाज़ा हुआ।

ले चल आज वहीं

कल जहाँ से कि उठा लाए थे अहबाब मुझे,
ले चल आज वहीं फिर दिल-ए-बे-ताब मुझे।

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एक आँसू ने डुबोया

एक आँसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में
बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई।