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हिंदी शायरी
जो दिल माँगा तो
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी,
हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी,
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो,
ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी।
वो सितमगर है
उसका चेहरा भी सुनाता हैं कहानी उसकी,
चाहता हूँ कि सुनूं उससे जुबानी उसकी,
वो सितमगर है तो अब उससे शिकायत कैसी,
क्योंकि सितम करना भी आदत हैं पुरानी उसकी।
आसमान में एक आशियाना
काश तू चाँद मैं तारा होता,
आसमान पे एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हें दूर से देखते,
पास आने का हक़ सिर्फ हमारा होता।
शायरी से इस्तीफ़ा
शायरी से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ साहब,
जब दर्द हमको सहना है...
तो उसका तमाशा क्यों बनाना।
इश्क़ जहरीला जंगल
इश्क़ एक बहुत जहरीला जंगल है साहब,
यहां सांप नहीं हमसफ़र डसा करते हैं।
लोग रुसवा हो जायेंगे
हो सके तो पहचान लो
मेरे दर्द का सबब मेरी नज़र से
ऐ दोस्तों
मै ज़ुबान से कहूंगा...
तो कुछ लोग रुसवा हो जायेंगे।
इश्क़ में जब माँगा
इश्क़ ने जब माँगा खुदा से दर्द का हिसाब,
वो बोले हुस्न वाले ऐसे ही बेवफाई किया करते हैं।
दिल में लगी वो
दिल में लगी थी वो प्यास जागी है,
आपसे मिलने की आस बाकी है
यूँ आदत न थी ऐसे तड़पने की ऐ खुदा
मेरी कितनी सजा और बाकी है।