हिंदी शायरी

Saath Bitaaye Lamhe

भूल न जाना अपनी वफ़ा की उन कसमों को,
तोड़ न देना हमारे प्यार की उन रस्मों को,
आप हमें याद करो या न करो कोई बात नहीं,
बस याद रखना साथ बिताये उन लम्हों को।

Bhool Na Jaana Apni Wafa Ki Un Kasmon Ko,
Tod Na Dena Humare Pyaar Ki Un Rasmon Ko,
Aap Humein Yaad Karo Ya Na Karo Koi Baat Nahin,
Bas Yaad Rakhna Saath Bitaaye Un Lamhon Ko.

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Gham Aasmaan Ko Suna Diya

मैंने अपना ग़म आसमान को सुना दिया...
शहर के लोगों ने बारिश का मजा लिया।

Main Ne Apna Gham Aasmaan Ko Suna Diya...
Shahar Ke Logon Ne Baarish Ka Maja Liya.

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Kissa Tamaam Kar Diya

दिन को रात और सुबह को शाम कर लिया,
तेरी आशिक़ी ने किस्सा यूँ तमाम कर दिया।

पढ़ने में हाथ तंग तो हमेशा से रहा है,
उसको पढ़ने का ये नया काम सर लिया।

जीने की ख़्वाहिश लिये मरने लगे तुझ पर,
यूं हमने जीने-मरने का सब इंतजाम कर लिया।

ग़ुरूर भी रश्क़ करता था हम से इक ज़माने में,
आज रुसवाइयों ने कब्जा सरेआम कर लिया।

रौनक हुआ करते थे कभी महफिलों की हम,
तेरी जुदाई ने तन्हाई को मेरे नाम कर दिया।

Agar Aashiq Hai To

आशिक़ है तो आशिक़ी का
दीदार होना चाहिये,
मेरी तरह उसे शक़्ल से
बीमार होना चाहिए।

जो जितना हुआ बरबाद,
वो उतना बड़ा आशिक़,
जीते जी दफ़न होके भी
औरों को दे गया वो सीख।

सम्मान से न उसका कोई
सरोकार होना चाहिये,
मेरी तरह उसे शक़्ल से
बीमार होना चाहिए।

अपने यार के परिवार से
जो जम के पिटा हो,
खुद के बचाव में क़भी
हाथ न उसका उठा हो।

कम से कम एक बार तो
गिरफ्तार होना चाहिए,
मेरी तरह उसे शक़्ल से
बीमार होना चाहिए।

ताला यूं चलते काम में
लगाने का दम भी हो,
अर्श में रहे या फर्श में
पर कहीं जुनूँ कम न हो।

और कुछ भले हो न हो
बेरोजगार होना चाहिये,
मेरी तरह उसे शक़्ल से भी
बीमार होना चाहिए।

शामियाने निकाहे यार के
लगाने का जिगर हो,
बारातियों के इक़बाल की
बस उसको फिकर हो।

उसके बच्चों से मामा सुनने को
भी तैयार होना चाहिये,
मेरी तरह उसे शक़्ल से
बीमार होना चाहिये।

आशिक़ है तो आशिक़ी का
दीदार होना चाहिये,
मेरी तरह उसे शक़्ल से
बीमार होना चाहिए।

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Aayenge Tere Shahar Mein

ऐ बुलबुल शोर मत कर आज ग़म की रात है,
आयेंगे तेरे शहर में बस दो-चार दिन की बात है।

Ai Bulbul Shor Mat Kar Aaj Gam Ki Raat Hai,
Aayenge Tere Shahar Mein Bas Do-Chaar Din Ki Baat Hai.

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Gam Se Rahat Nahin Mili

Gam Se Rahat Nahin Mili Shayari

नफरत लाख मिली मुझे चाहत नहीं मिली,
ज़िन्दगी बीत चली पर ग़म से राहत नहीं मिली,
उसकी महफ़िल में हर शख्स को हँसते देखा,
एक हम थे कि हँसने की भी इजाज़त नहीं मिली।

Nafrat Laakh Mili Mujhe Chaahat Nahin Mili,
Zindagi Beet Chali Par Gam Se Rahat Nahin Mili,
Uski Mehfil Mein Har Shakhs Ko Hanste Dekha,
Ek Hum The Ki Hansne Ki Bhi Ijaazat Nahin Mili.

Rishton Mein Nikhaar

रिश्तों में निखार सिर्फ
हाथ मिलाने से नहीं आता,
विपरीत हालातों में हाथ
थामे रहने से आता है।

Rishton Mein Nikhaar Sirf
Haath Milaane Se Nahin Aata,
Vipreet Halaaton Mein Haath
Thaame Rehne Se Aata Hai.

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Badi Aasani Se Dil

Badi Aasani Se Dil Lagaye Jaate Hain,
Par Badi Mushkil Se Vaade Nibhaye Jate Hain,
Lekar Jati Hai Mohabbat Unn Raahon Par,
Jahan Par Diye Nahi Dil Jalaye Jate Hain.

बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं,
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं,
लेकर जाती है मोहब्बत उन राहों पर,
जहां पर दिये नहीं दिल जलाए जाते हैं।