Search Results for : एकांत नेगी

तन्हाईयाँ भी अब तनहा सी

तन्हाईयाँ भी अब तनहा सी रहने लगी हैं,
बात इतनी सी है कि तू नहीं पास उनके,
वो मान भी जाती मगर कुछ मजबूरियां थी,
साथ अपने लेकर तू जो गयी अहसास उनके।
~एकांत नेगी

खुशनुमा वक़्त को कुछ

खुशनुमा वक़्त को कुछ इस तरह काटा जाए,
हुस्न का नशा चाहने वालों में बराबर बांटा जाए,
कुछ पास तुम आओ तो कुछ पास हम चले आयें,
बेमतलब की दूरियों को कुछ इस तरह पाटा जाए।
~एकांत नेगी

दिल बेकरार किया उसने

कुछ इस तरह इश्क़ का इज़हार किया उसने,
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
कुछ बात तो है इस दिल को बेकरार किया उसने।
~एकांत नेगी