- Home
- Tareef Shayari
- Page-6
तारीफ़ शायरी
उनकी बातो का दौर
उनकी बातों का दौर
उनकी आवाज का दीवाना
वो दिन भी क्या दिन थे
जब वो पास थे मेरे
और अजनबी था जमाना।
तेरी आँखें देखकर
उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर,
दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब।
आँखों में नील कंवल
क़तील शिफ़ईलोग कहते हैं जिन्हें नील कंवल वो तो क़तील,
शब को इन झील सी आँखों में खिला करते है।
Eid Ki Tareekh Mukammal
Chand Ke Deedar Ko Tum Chhat Par Kya Chale Aaye,
Shahar Mein Eid Ki Tareekh Mukammal Ho Gayi.
चाँद के दीदार को तुम छत पर क्या चले आये,
शहर में ईद की तारीख मुकम्मल हो गयी।
आपको देख कर देखता
आपको देख कर देखता रह गया,
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया।
आते-आते मेरा नाम-सा रह गया,
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया।
वो मेरे सामने ही गया और मैं,
रास्ते की तरह देखता रह गया।
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये,
और मैं था कि सच बोलता रह गया।
वसीम बरेलवीआँधियों के इरादे तो अच्छे न थे,
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया।
हसीनों का शबाब
अदा आई, जफा आई,
गरूर आया, इताब आया,
हजारों आफतें लेकर...
हसीनों का शबाब आया।
DilKash Andaaz
Bada Hi DilKash Andaaz Hai Tumhara,
Jee Karta Hoon Fanaah Ho Jaaun.
--------------------------------------
Mehek Rahi Hai Zindagi Jiski Khushboo Se,
Wo Kaun Tha Jo Gujar Gaya Meri Yaadon Se.
बड़ा ही दिलकश अंदाज है तुम्हारा,
जी करता है की फनाह हो जाऊं ।
--------------------------------------
महक रही है जिंदगी आज भी जिसकी खुशबू से,
वो कौन था जो यूँ गुजर गया मेरी यादों से।