व्हाट्सएप्प स्टेटस

रावण बनना कहाँ आसान

रावण बनना भी कहां आसान...

रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...
रावण में वासना थी तो संयम भी था...
रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी
तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प भी था...

सीता जीवित मिली ये राम की ही ताकत थी
पर पवित्र मिली ये रावण की भी मर्यादा थी
राम, तुम्हारे युग का रावण अच्छा था
दस के दस चेहरे, सब बाहर रखता था...

महसूस किया है कभी
उस जलते हुए रावण का दुःख
जो सामने खड़ी भीड़ से
बारबार पूछ रहा था...
तुम में से कोई राम है क्या..

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मिर्ची का मौसम

पत्नी : अजी सुनते हो! ये मिर्ची किस मौसम में लगती है।
पति (प्यार से) : इसका कोई विशेष मौसम नहीं होता है जब बात बुरी लग जाए तब लग जाती है।

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Bakhsh Deta Hai Khuda

क्या खूब लिखा है किसी ने...

बख्श देता है खुदा उनको जिनकी किस्मत ख़राब होती है
वो हरगिज नहीं बक्शे जाते जिनकी नियत ख़राब होती है।

न मेरा एक होगा न तेरा लाख होगा
न तारीफ़ तेरी होगी न मजाक मेरा होगा
गरूर न कर इस शरीर का
मेरा भी खाक होगा तेरा भी खाक होगा।

जिन्दगी भर ब्रांडेड ब्रांडेड करने वालो
याद रखना कफ़न का कोई ब्रांड नहीं होता।

कोई रो कर दिल बहलाता है कोई हँस कर दर्द छुपाता है
क्या करामात है कुदरत का
जिन्दा इन्सान पानी में डूब जाता है और मुर्दा तैर के दिखता है।

मौत को देखा तो नहीं पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी
कमबख्त जो भी उससे मिलता है जीना छोड़ देता है।

गजब की एकता देखी लोगों की ज़माने में
जिन्दो को गिराने की और मुर्दों को उठाने की।

जिन्दगी में न जाने कौन सी बात आखिरी होगी
न जाने कौन सी रात आखिरी होगी
मिलते जुलते बातें करते रहो यारों
एक दूसरे से न जाने कौन सी मुलाकात आखिरी होगी।

Mat Khel Mere Jazbaaton Se

मत खेलो मेरे जज़्बातों से यारों,
बहुत नाज़ुक मिजाज़ हूँ...
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तुम्हें खबर भी न होगी और,
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एक दिन...
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यूँ ही... हँसते-हँसते...
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किसी दिन कनपट सेंक दूँगा...

क्या मतलब रहेगा फिर...!!

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सन्यास ही ले लूँ

कभी कभी तो लगता है कि
ये दौलत, ये शोहरत, तमाम ऐशो-आराम त्याग कर सन्यास ही ले लूँ...

फिर खयाल आता है...
पहले ये सब मिले तो सही...!

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व्हाट्सएप्प ग्रुप में राजनीति

पहले चाय की दुकान पर राजनीति होती थी,
इसलिए चाय वाला राजनीति सीख कर पी.एम. बन गया।

अब व्हाट्सएप्प ग्रुप में राजनीति होती है...
तो अगला पी.एम. किसी ग्रुप का एडमिन बन सकता है!

सभी एडमिनों को
बेस्ट ऑफ़ लक

मैसेज करने से

जो महापुरुष...
मैसेज नहीं कर रहे हैं
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उन्हे मैं बता दूँ कि
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दिन में दो या तीन मैसेज करने से
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त्वचा कोमल रहती है
और
चेहरे पर निखार आता है।

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बच्चों का भविष्य

आजकल बच्चों के माता पिता बहुत असमंजस में हैं-
अपने बच्चों के भविष्य को लेकर...

बच्चों को चाय की दुकान पर बैठाएं और मोदी जैसा बनाएं...

या उनको आई आई टी भेजें और केजरीवाल जैसा बनाएँ...

या विदेश भेजें और कोई कोर्स नहीं करवावें ताकि राहुल गाँधी जैसा बन सके...

वाकई कठिन निर्णय है...!!!

या फिर उसे हरिद्वार भेज दें ताकि आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सके
और स्वामी रामदेव जैसा बन सके जिनकी सालाना आय करोड़ों में है...

या सिर्फ नवीं फेल रहने दे
ताकि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जैसे बन सकें...

या कुछ भी पढ़ो
बैंकों से लोन लेकर जीवन में ऐश करो फिर विदेश भाग जाओ विजय माल्या बने...

वास्तव में बहुत ही कठिन निर्णय है!