- Home
- Dard Shayari
- Page-15
दर्द शायरी
Keh Gaye Bhula Do Humko
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर
कल वो कह गये भुला दो हुमको
हमने पूछा कैसे...?
तो चले गये हाथो मे जाम देकरl
Hum To Jee Rahe The Unka Naam Lekar,
Wo Gujarte The Humara Salaam Lekar,
Kal Wo Keh Gaye Bhula Do Humko,
Humne Poochha Kaise...?
To Chale Gaye Haatho Mein Jaam Dekar.
Aaina Humse Roothha Hai
वो जो तुमसे रुबरु करवाता है,
आजकल वो आइना भी हमसे रूठा है।
Wo Jo Tumse Rubru Karwaata Hai,
Aajkal Wo Aaina Bhi Humse Roothha Hai.
Mohabbat Ki Kafas Se
Rihaai De Do Humein Apni Mohabbat Ki Kafas Se,
Ki Ab Ye Dard Humse Aur Saha Nahin Jaata.
रिहाई दे दो हमें अपनी मोहब्बत की कफस से,
कि अब ये दर्द हमसे और सहा नहीं जाता।
(कफस - पिंजड़ा)
Mohabbat Ka Ghana Baadal
मोहब्बत का घना बादल बना देता तो अच्छा था,
मुझे तेरी आँख का काजल बना देता तो अच्छा था,
तुझे पाने की ख्वाइश अब जीने नहीं देती,
खुदा तू मुझे पागल बना देता तो अच्छा था।
Mohabbat Ka Ghana Baadal Bana Deta To Achchha Tha,
Mujhe Teri Aankh Ka Kaajal Bana Deta To Achchha Tha,
Tujhe Paane Ki Khwaish Ab Jeene Nahin Deti,
Khuda Tu Mujhe Paagal Hi Bana Deta To Achchha Tha.
Dava-e-Dard Kya Hai
क्या बताऊँ अपना हाल ए दिल मैं तुम्हें,
देखूं जिधर बस एक ही नूर नज़र आये,
अब बता भी दो दवा ए दर्द क्या है इसकी,
या फिर किसी जाल में फसाया है तुमने हमें।
Kya Bataaun Apna Haale-e-Dil Main Tumhein,
Dekhoon Jidhar Bas Ek Hi Noor Nazar Aaye,
Ab Bata Bhi Do Dava-e-Dard Kya Hai Iski,
Ya Phir Kisi Jaal Mein Fasaaya Hai Tumne Humein.
दर्द कैसा भी उठे
अहमद फ़राज़ज़िक्र उस का ही सही बज़्म में बैठे हो फ़राज़,
दर्द कैसा भी उठे हाथ न दिल पर रखना।
दुनिया बहुत मतलबी
दुनिया बहुत मतलबी है,
साथ कोई क्यों देगा,
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता,
तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
धुआँ दिल से उठा
बिजलियाँ टूट पड़ी... जब वो मुकाबिल से उठा,
मिल के पलटी थीं निगाहें कि धुआँ दिल से उठा।