Tareef Shayari in Hindi
फूल जैसे बदन को...
क्यों न अपनी ख़ूबी-ए-क़िस्मत पे इतराती हवा,
फूल जैसे एक बदन को छू कर आई थी हवा।
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गज़ब का हुस्न है...
गज़ब का हुस्न बला का शबाब है उसका,
कि सब हसीनों में चेहरा गुलाब है उसका,
तलाश मैंने किया हर मकाम पर लेकिन,
कहीं भी कोई सानी न जवाब है उसका।
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क़यामत देखनी हो अगर...
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
Husn Qayamat Shayari...
Huzoor Lazimi Hai Mehfilo Mein Babaal Hona,
Ek To Husn Qayamat Uspe Honthhon Ka Lal Hona.
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
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आँखें कितनी क़ातिल...
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।