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जुदाई शायरी
Judaai Se Maut Behtar
दिल थाम कर जाते हैं हम राहे-वफा से,
खौफ लगता है हमें तेरी आंखों की खता से,
जितना भी मुनासिब था हमने सहा हुजूर,
अब दर्द भी लुट जाए तुम्हारी दुआ से।
Dil Thaam Kar Jaate Hain Hum Raah-e-Wafa Se,
Khauf Lagata Hai Humein Teri Aankhon Ki Khata Se,
Jitna Bhi Munaasib Tha Humne Saha Huzoor,
Ab Dard Bhi Lut Jaaye Tumhaari Duaa Se.
हम तो बुरे नहीं हैं तो अच्छे ही कहाँ हैं,
दुश्मन से जा मिले हैं मुहब्बत के गुमां से,
वो दफ्न ही कर देते हमें आगोश में लेकर,
ये मौत भी बेहतर है जुदाई की सजा से।
Hum To Bure Nahin Hain To Achchhe Hi Kahan Hain,
Dushman Se Ja Mile Hain Muhabbat Ke Gumaan Se,
Wo Dafan Hi Kar Dete Humein Aagosh Mein Lekar,
Ye Maut Bhi Behatar Hai Judai Ki Saja Se.
Judai Ke Mod Par
Ye Hum Hi Jante Hain Judai Ke Mod Par,
Is Dil Ka Jo Bhi Haal Tujhe DekhKar Hua.
यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर,
इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ।
Judai Ka Tha Malaal
जब तक मिले न थे जुदाई का था मलाल,
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई।
Jab Tak Mile Na The Judai Ka Tha Malaal,
Ab Ye Malaal Hai Ki Tamanna Nikal Gai.
तो जुदाई भी नहीं
अब अगर मेल नहीं है तो जुदाई भी नहीं,
बात तोड़ी भी नहीं तुमने तो बनाई भी नहीं।
मार डालेगी जुदाई
हमें ये मोहब्बत किस मोड़ पे ले आई,
दिल में दर्द है और ज़माने में रुसवाई,
कटता है हर एक पल सौ बरस के बराबर,
अब मार ही डालेगी मुझे तेरी जुदाई।
Tujhe Dil Se Juda Hona Hai
Itna Betaab Na Ho Mujhse Bichhadne Ke Liye,
Tujhe Aankhon Se Nahi Mere Dil Se Juda Hona Hai.
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।
कोई मरता नहीं जुदाई में
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में।
Baat Itni Si Hai
Bewafa Waqt Tha..?
Ke Tum The...?
Ya Muqaddar Tha Mera..?
Baat Itni Si Hai
Ke Anjaam Judai Nikla.
बेवफा वक़्त था..?
तुम थे..?
या मुकद्दर था मेरा..?
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला ।