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हिंदी शायरी
तेरे सिवा कोई नहीं
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं,
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।
Tum Meri Saanson Mein
Khud-Ba-Khud Shamil Ho Gaye Tum Meri Saanso Mein,
Hum Soach Ke Karte To Fir Mohabbat Na Karte.
खुद-ब-खुद शामिल हो गए तुम मेरी साँसों में,
हम सोच के करते तो फिर मोहब्बत न करते।
Jara Soch Lo Ye Baat
अकबर इलाहाबादीजिस बात को मुफीद समझते हो खुद करो,
औरों पे उसका बार न इसरार से धरो,
हालात मुख्तलिफ हैं, जरा सोच लो यह बात,
दुश्मन तो चाहते हैं कि आपस में लड़ मरो।
Apne Hausle Buland Kar
अपने हौसले बुलंद कर,
मंज़िल तेरे बहुत करीब है,
बस आगे बढ़ता जा,
यह मंज़िल ही तेरा नसीब है।
Apne Hausle Buland Kar
Manzil Tere Bahut Kareeb Hai,
Bas Aage Barhta Ja
Yeh Manzil Hi Tera Naseeb Hai.
Hote Agar Paas To
Hote Agar Paas To Koi Shararat Karte,
Lekar Tumhein Baahon Mein Mohabbat Karte,
Dekhte Teri Aankhon Mein Neend Ka Khumaar,
Apni Khoyi Hui Neendo Ki Shiqayat Karte.
होते अगर पास तो कोई शरारत करते,
लेकर तुम्हें बाहों में मोहब्बत करते,
देखते तेरी आँखों में नींद का खुमार,
अपनी खोयी हुई नींदों की शिकायत करते।
Main Aakhiri Ban Kar Raha
मौत की वीरानियों में ज़िन्दगी बन कर रहा,
वो खुदाओं के शहर में आदमी बन कर रहा।
ज़िन्दगी से दोस्ती का ये सिला उसको मिला,
ज़िन्दगी भर दोस्तों में अजनबी बन कर रहा।
उसकी दुनिया का अंधेरा सोचकर तो देखिए,
वो जो अंधों की गली में रौशनी बन कर रहा।
सनसनी के सौदेबाज़ों से लड़ा जो उम्र भर,
हश्र ये खुद एक दिन वो सनसनी बन कर रहा।
एक अंधी दौड़ की अगुआई को बेचैन सब,
जब तलक बीनाई थी मैं आख़िरी बन कर रहा।
- संजय ग्रोवर
Aah Hoti Lab Par
आह होती मेरे लब पर न यह नाला होता,
एक भी तूने जो अरमान निकाला होता।
Aah Hoti Mere Lab Par Na Naala Hota,
Ek Bhi Tu Ne Jo Armaan Nikala Hota.
कोई कहकशाँ नहीं है
इन्ही पत्थरों पे चल कर
अगर आ सको तो आओ,
मेरे घर के रास्ते में
कोई कहकशाँ नहीं है।
मुस्तफ़ा ज़ैदीInhi Pattharon Pe Chal Kar
Agar Aa Sako To Aao,
Mere Ghar Ke Raste Mein
Koi KehKashaan Nahi Hai.