हिंदी शायरी

Ek Maa Ki Mohabbat

बस एक माँ की मोहब्ब्बत दिखाई देती है,
जमीं पे एक ही औरत दिखाई देती है,
ऐ बूढ़ी माँ तेरे चेहरे की झुर्रियों की कसम,
हर एक लकीर में जन्नत दिखाई देती है।

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Aisi Hai Ye Duniya

बड़ी ख़ुदग़र्ज़, बड़ी फ़ितरती है दुनिया,
नफ़रतों के खम्बों पर टिकी है दुनिया।

किसी को ग़म नहीं धेले भर किसी का,
ये बड़ी ही बेरहम और बेरुखी है दुनिया।

अब तो जीते हैं लोग बस अपने लिए ही,
यारो औरों के लिए मर चुकी है दुनिया।

न रहे ज़िंदा अब तो बेमक़सद के रिश्ते,
अब मतलब की दोस्ती करती है दुनिया।

देते हैं जो छांव धूप में जल कर भी यारो,
फर्सा उन्हीं की जड़ पे पटकती है दुनिया।

अफसोस होता है देख कर दो रंग इसके,
कहीं हँसती तो कहीं सिसकती है दुनिया।

लोग ख़ैरियत पूछने में देखते हैं हैसियत,
कैसे पल-पल में देखो, बदलती है दुनिया।

ये कैसा उल्टा कानून है खुदा का "मिश्र"
कि जो मारते हैं उन्हीं पे मरती है दुनिया।

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नसीब तेरी बेरुखी ही सही

सुकून-ए-दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही,
दरमियाँ कुछ तो रहेगा फासला ही सही।

Sukoon-e-Dil Ko Naseeb Teri Berukhi Hi Sahi,
Darmiyaan Kuchh To Rahega Faasla Hi Sahi.

नहीं है शिकवा तुझसे तेरी बेरुखी का,
मुझे ही तेरे दिल में घर बनाना नहीं आया।

Nahi Hai Shiqwa Tujhse Teri BeRukhi Ka,
Mujhe Hi Tere Dil Mein Ghar Banana Nahi Aaya.

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ
हम पे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

Dekhi Hai Berukhi Ki Aaj Hum Ne Intehaan
Hum Pe Najar Padi To Wo Mahafil Se Uthh Gaye.

शायरी मोहब्बत नाप लेते हैं

शायरी मोहब्बत नाप लेते हैं Shayari

चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।

Chale Aao Kabhi Tooti Hui Choori Ke Tukde Se,
Wo Bachpan Ki Tarah Fir Se Mohabbat Naap Lete Hain.

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तेरा चेहरा दुआओं में

तेज बारिश में कभी सर्द हवाओं में रहा,
एक तेरा ज़िक्र था जो मेरी सदाओं में रहा,
कितने लोगों से मेरे गहरे रिश्ते थे मगर,
तेरा चेहरा ही सिर्फ मेरी दुआओं में रहा।

Tej Barish Mein Kabhi Sard Hawaaon Mein Raha,
Ek Tera Zikar Tha Jo Meri Sadaaon Mein Raha,
Kitne Logon Se Mere Gehre Rishtey The Magar,
Tera Chehra Hi Sirf Meri Duaaon Mein Raha.

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Pyar Ki Hadd Se Gujar Gaye

Hum Apne Ikhtiyar Ki Hadd Se Gujar Gaye,
Chaaha Tumhein To Pyar Ki Hadd Se Gujar Gaye,
Jaagi Hai Humare Dil Mein Gulabon Ki Aarzoo,
Jab Mausam-e-Bahaar Ki Hadd Se Gujar Gaye.

हम अपने इख़्तियार की हद से गुजर गए,
चाहा तुम्हें तो प्यार की हद से गुजर गए,
जागी है अपने दिल में गुलाबों की आरज़ू,
जब मौसम-ए-बहार की हद से गुजर गए।

वो रोते हैं रात भर

इस दिल से दूर वो कभी जाते भी नहीं हैं,
हकीकत में वो हमें चाहते भी नहीं हैं,
औरों के लिए तो वो रोते हैं रात भर,
हमारे लिए तो वो कभी मुस्कुराते भी नहीं हैं।

Iss Dil Se Door Wo Kabhi Jate Bhi Nahi Hain,
Hakeeqat Mein Wo Humein Chaahte Bhi Nahi Hain,
Auro Ke Liye To Wo Rote Hain Raat Bhar,
Humare Liye To Wo Kabhi Muskurate Bhi Nahi Hain.

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Kab Aalam-e-Tanhai Hai

दिल के सहरा में कब आलम-ए-तन्हाई है,
जब भी देखा तेरी तस्वीर नजर आई है।

Dil Ke Sahra Mein Kab Aalam-e-Tanhai Hai,
Jab Bhi Dekha Teri Tasvir Najar Aayi Hai.