हिंदी शायरी

Raaz Rishton Ke

वख्त-ए-तह में रहने दो राज रिश्तों के...
आजकल किताबों से उड़ने लगी हैं
तहरीरें हवा में।

Wakht-e-Teh Mein Rehne Do Raaz Rishton Ke...
AajKal Kitaabon Se Udne Lagi Hain
Tehreerein Hawa Mein.

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Jhonka Hoon Hawaaon Ka

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा,
जागते रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा।

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा,
ख़ाक में मिलकर भी मैं खुशबू बचा ले जाऊंगा।

कौन सी शय मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर,
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊंगा।

कोशिशें मुझको मिटाने की भले हो कामयाब,
मिटते मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊंगा।

शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए,
सब यहीं रह जाएँगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा।

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Mera Andaz Hansne Ka

Tujhe Jab Dekhta Hoon To
Khud Apni Yaad Aati Hai,
Mera Andaz Hansne Ka
Kabhi Tere Hi Jaisa Tha.

तुझे जब देखता हूँ तो
खुद अपनी याद आती है,
मेरा अंदाज़ हँसने का...
कभी तेरे ही जैसा था।

Koyi Jaata Hai Yehan Se

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है,
ये दीया अपने ही अँधेरे में घुट जाता है।

सब समझते हैं वही रात की किस्मत होगा,
जो सितारा बुलंदी पर नजर आता है।

मैं इसी खोज में बढ़ता ही चला जाता हूँ,
किसका आँचल है जो पर्बतों पर लहराता है।

मेरी आँखों में एक बादल का टुकड़ा शायद,
कोई मौसम हो सरे-शाम बरस जाता है।

दे तसल्ली कोई तो आँख छलक उठती है,
कोई समझाए तो दिल और भी भर आता है।

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Mere Dard Ki Kaifiyat

Mere Dard Ki Kaifiyat Shayari

Bahut Juda Hai Auron Se
Mere Dard Ki Kaifiyat,
Zakhm Ka Koi Pata Nahi,
Takleef Ki Intehaan Nahi.

बहुत जुदा है औरों से
मेरे दर्द की कैफियत,
ज़ख्म का कोई पता नहीं और
तकलीफ की इन्तेहाँ नहीं।

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Mere Dard Ki Keemat

Dene Aaye Hain Mere Dard Ki Keemat Mujhko,
Itne HumDard Hain Na Jaane Kyon Log Mere.

देने आये हैं मेरे दर्द की कीमत मुझको,
इतने हमदर्द हैं न जाने क्यों लोग मेरे।

Andaaz Kuchh Alag Hi Hai

अंदाज़ कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,
सब को मंजिलों का है शौक मुझे रास्ते का है।
Andaaz Kuchh Alag Hi Mere Sochne Ka Hai,
Sab Ko Manzilon Ka Hai Shauk Mujhe Raaste Ka Hai.

हजार ग़म मेरी फितरत को न बदल सके,
क्या करूँ मुझे आदत है मुस्कराने की।
Hajaar Gam Meri Fitrat Ko Na Badal Sake,
Kya Karoon Mujhe Aadat Hai Muskurane Ki.

मिल जाए आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है,
जिद तो उसकी है जो मुक़द्दर में नहीं है।
Mil Jaaye Aasaani Se Uski Khwahish Kise Hai,
Zid To Uski Hai Jo Muqaddar Mein Nahi Hai.

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अफसोस होता है जब

अफसोस होता है जब Shayari

अफसोस होता है जब
हमारी पसंद कोई और चुरा लेता है,
ख्वाब हम देखते हैं और
हकीक़त कोई और बना लेता है।

Afsos Hota Hai Jab
Humari Pasand Koi Aur Chura Leta Hai,
Khwaab Hum Dekhte Hain Aur
Haqeekat Koi Aur Bana Leta Hai.