हिंदी शायरी

उनसे जुदा होकर भी

उनसे जुदा होकर भी,
गुफ़्तगू उनसे रोज होती है,
सवाल भी हमारे होते हैं,
और जवाब भी।

Unse Juda Hokar Bhi,
Guftgu Unse Roz Hoti Hai,
Sawaal Bhi Humare Hote Hain,
Aur Jawaab Bhi...

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तेरे कूंचे पे आकर भी

तेरे कूंचे पे आकर भी नहीं अब दिल बहलता है,
यहाँ भी है धुआँ फैला, वहाँ भी कोई जलता है।

परेशां इस ज़माने में न पूछो कौन है कितना,
कभी गिरता, कभी उठता, कभी इन्सां संभलता है।

मोहब्बत आशिक़ी प्यारे लगी कब की न कुछ पूछो,
इनायत उसकी है जिस पर उसे यह दिल से मिलता है।

कोई काग़ज बना कोरा न रंग पाया अधर अपने,
न उसने पोखरे देखे जहाँ पंकज भी खिलता है।

सामने की जगी चाहत पसारो अपनी बाहें फिर,
तुम्हे यह याद तो होगा ये दिल क्यूँ कर मचलता है।

सभी आशिक़ समन्दर के, कोई अंदर, कोई बाहर,
किसे न है कब कैसे इसे सागर समझता है।
~ विजय नाथ झा

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शायरी दिल को ग़म दे गया

था कोई जो मेरे दिल को ग़म दे गया,
ज़िन्दगी भर न रोने की कसम दे गया,
लाखों में से एक फूल चुना था हमने,
जो काँटों से भी ज्यादा गहरा ज़ख्म दे गया।

Tha Koi Jo Mere Dil Ko Gham De Gaya,
Zindagi Bhar Na Rone Ki Kasam De Gaya,
Lakhon Mein Se Ek Phool Chuna Tha Humne,
Jo Kaanton Se Bhi Gehra Zakhm De Gaya.

बिछड़ कर फिर मिले

बिछड़ कर फिर मिले जो हाल पूछेंगे,
मिरे बिन कैसे गुज़रे साल पूछेंगे।

नहीं मुझ सा कोई आशिक़ ज़माने में,
मुझे मालूम है फ़िलहाल पूछेंगे।

अदालत में है ये पेशा वकीलों का,
सवालों से ही हाल-ओ-चाल पूछेंगे।

यही रस्ता अगर संसद भवन का है,
चलाएं कब- तलक हड़ताल पूछेंगे।

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बेवफ़ा न कह उसको

बेवफ़ा न कह उसको Shayari

वो खुश है बिछड़ कर मुझसे,
ऐ दुनिया बेवफ़ा न कह उसको।

Wo Khush Hai Bichhad Kar Mujhse,
Ai Duniya Bewafa Na Keh Usko.

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कहानियां बेवफाओं की

तुम भी न बन जाना कहीं
मज़मून किसी किताब का,
बड़े शौक से पढ़ते हैं लोग
कहानियां बेवफाओं की।

Tum Bhi Na Ban Jana Kahin
Mazmoon Kisi Kitaab Ka,
Bade Shauk Se Parhte Hain Log
Kahaniyan Bewafaaon Ki.

उसको हिजाब आता है

उसको हिजाब आता है Shayari

फिर अपने आप पे उसको हिजाब आता है,
थिरकती झील पे जब महताब आता है,
दिखाइये न हमें आप ये मौसमी आँसू,
कि ये हुनर तो हमें बे-हिसाब आता है।
~ नादिर सिद्दीकी

Fir Apne Aap Pe Usko Hijaab Aata Hai,
Thirakti Jheel Pe Jab Mehtaab Aata Hai,
Dikhaiye Na Humein Ye Mausmi Aansoo,
Ki Ye Hunar To Humein Be-Hisaab Aata Hai.

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शायरी इश्क़ जान ले लेता है

ये जो इश्क़ होता है न...
जान ले लेता है...
मगर फिर भी मौत नहीं आती।

Ye Jo Ishq Hota Hai Na,
Jaan Le Leta Hai...
Magar Fir Bhi Maut Nahi Aati.