सैड शायरी

वो खुद आता नहीं

कभी यादें कभी आँखों में
पानी भेज देता है,
वो खुद आता नहीं
अपनी निशानी भेज देता है।

Kabhi Yaadein Kabhi Aankhon Mein
Paani Bhej Deta Hai,
Wo Khud Aata Nahin
Apni Nishaani Bhej Deta Hai.

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इस दौर में अहसास-ए-वफ़ा

इस दौर में अहसास-ए-वफ़ा Shayari

इस दौर में अहसास-ए-वफ़ा ढूँढने वालो,
सेहरा में कहाँ मिलते हैं दीवार के साए।

Iss Daur Mein Ehsaas-e-wafa Dhoondhne Walo,
Sehara Mein Kahaan Milte Hain Deewar Ke Saaye.

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तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में

कुछ रिश्तों को कभी भी नाम न देना तुम,
इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्जाम न देना तुम,
ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में,
कि अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम न देना तुम।

Kuchh Rishton Ko Kabhi Naam Na Dena Tum,
Inhein Chalne Do Aise Hi Ilzaam Na Dena Tum,
Aise Hi Rehne Do Tum Tishngi Har Lafz Mein,
Ki Alfaazon Ko Mere Anzaam Na Dena Tum.

दरिया से प्यासा निकला

तिश्नगी जम गई पत्थर की तरह होंठों पर,
डूब कर भी तेरे दरिया से मैं प्यासा निकला।

Tishnagi Jam Gai Patthar Ki Tarah Honthon Par,
Doob Kar Bhi Tere Dariya Se Main Pyaasa Nikla.

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रास्ता बदलने का फैसला

मंजिल भी उसी की थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था,
साथ साथ चलने की कसम भी उसी की थी,
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था।

Manzil Bhi Usee Ki Thi Rasta Bhi Uska Tha,
Ek Hum Akele The Kafila Bhi Uska Tha,
Saath Saath Chalne Ki Kasam Bhi Usee Ki Thi,
Aur Rasta Badlne Ka Fasila Bhi Uska Tha.

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उनकी खबर पूछते चलो

अब आयें या न आयें इधर... पूछते चलो,
क्या चाहती है उनकी नजर पूछते चलो,
हमसे अगर है तर्क-ए-ताल्लुक तो क्या हुआ,
यारो कोई तो उनकी खबर पूछते चलो।

Ab Aayein Ya Na Aayein Idhar... Poochhte Chalo,
Kya Chahti Hai Unki Najar Poochhte Chalo,
Humse Agar Hai Tark-e-Taalluk To Kya Hua,
Yaaro Koi To Unki Khabar Poochhte Chalo.

हमें फिर पा न सकोगे

खोकर हमें फिर पा न सकोगे,
जहाँ हम होंगे वह आ न सकोगे,
हरपल हमें महसूस तो करोगे लेकिन
पर हम होंगे वहां जहाँ से
हमें फिर बुला न सकोगे।

Khokar Humein Phir Pa Na Sakoge,
Jahaan Hum Honge Wahan Aa Na Sakoge,
Harpal Humein Mehsoos To Karoge Lekin
Par Hum Honge Wahaan Jahaan Se
Humein Phir Bula Na Sakoge.

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कसम देकर हजारों ने लूटा

मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमें तो कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
आप तो डर गए हमारी एक ही अदा से,
हमें आपकी कसम देकर हजारों ने लूटा।

Mausam Ko Mausam Ki Bahaaron Ne Loota,
Humein To Kashti Ne Nahin Kinaaron Ne Loota,
Aap To Dar Gaye Humari Ek Hi Adaa Se,
Humein Aapki Kasam Dekar Hajaaron Ne Loota.