सैड शायरी

खुद के भी न हो पाए

जब तुम साथ थे तो सबकुछ साथ था मेरे,
बाद तेरे तो हम खुद के भी न हो पाए।
(हिमांशु श्रीवास्तव)

Jab Tum Saath The To Sab Kuchh Saath Tha Mere,
Baad Tere To Hum Khud Ke Bhi Na Ho Paye.

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वो क्यों नहीं समझते

उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है,
वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को,
क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है।

Unki Muskaan Humari Kamjori Hai,
Unse Kuchh Keh Na Paana Humari Majboori Hai,
Wo Kyon Nahin Samajhte Humari Khamoshi Ko,
Kya Khamoshi Ko Jubaan Dena Jaroori Hai.

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उसकी शख्सियत में वो

उसकी शख्सियत में वो अहसास तो है,
अभी अपना नहीं है मगर खास तो है,
उसकी बातों में अभी है लफ्ज़-ए-इन्कार,
बहुत थोड़ी ही सही मगर मुझे आस तो है।
~प्रिन्स वर्मा

Uski Shakhsiyat Mein Wo Ehsaas To Hai,
Abhi Apna Nahin Hai Magar Khaas To Hai,
Uski Baaton Mein Abhi Hai Lafz-e-Inkaar,
Bahut Thodi Hi Sahi Magar Mujhe Aas To Hai.

फरेब थी हँसी उनकी

फरेब थी हँसी उनकी Shayari

फरेब थी हँसी उनकी हम आशिकी समझ बैठे,
मौत को ही हम अपनी ज़िंदगी समझ बैठे,
वो वक़्त का मज़ाक था या हमारी बदनसीबी,
जो उनकी दो बातों को मोहब्बत समझ बैठे।

Fareb Thi Unki Hansi Hum Aashiqi Samajh Baithe,
Maut Ko Hi Hum Apni Zindagi Samajh Baithe,
Wo Waqt Ka Majaak Tha Ya Humari BadNaseebi,
Jo Unki Do Baaton Ko Mohabbat Samajh Baithhe.

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इश्क़ को नजर लग गई

इश्क़ को या खुदा क्यों नजर लग गई,
यूँ लगे मेरी हर दुआ बेअसर हो गई,
हमने तिनके चुने आशियाँ के लिए,
जाने कैसे आँधियों को खबर हो गई।

Ishq Ko Ai Khuda Kyun Najar Lag Gayi,
Yoon Lage Meri Har Dua BeAsar Ho Gayi,
Humne Tinke Chune Aashiyan Ke Liye,
Jaane Kaise Aandhiyon Ko Khabar Ho Gayi.

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जो आँखों से रिसता है

ऐ जिंदगी तू ही बता...
पहले अधूरी थी मैं
या अब अधूरी हूँ मैं!

Ai Zindagi Tu Hi Bata...
Pehle Adhoori Thi Main
Ya Ab Adhoori Hoon Main!

ऐ जिंदगी अब तू ही बता..
ये कौन सा रिश्ता है जो
मेरी आँखों से रिसता है!

Ai Zindagi Ab Tu Hi Bata..
Ye Kaun Sa Rishta Hai
Jo Meri Aankhon Se Rista Hai!

छुप-छुप के एहतमाम में

छुप-छुप के एहतमाम में Shayari

छुप-छुप के एहतमाम में सफ़र का पता चला,
वो जुदा हो गया तब उसके हुनर का पता चला,
जब एक-एक फूल उड़ा ले गई हवा,
तब जाकर बहार को मेरे घर का पता चला।

Chhup-Chhup Ke Ehtmaam Mein Safar Ka Pata Chala,
Wo Juda Ho Gaya Tab Uske Hunar Ka Pata Chala,
Ja Ek Ek Phool Udaa Le Gayi Hawa...
Tab Jaa Kar Bahaar Ko Mere Ghar Ka Pata Chala.

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जो जिंदगी बर्बाद करते हैं

आसान नहीं आबाद करना
घर मोहब्बत का,
ये उनका काम है
जो जिंदगी बर्बाद करते हैं।

Aasaan Nahi Aabaad Karna
Ghar Mohabbat Ka,
Ye Unka Kaam Hai Jo
Zindagi Barbaad Karte Hain.