हिंदी शायरी

Mehfil Mein Kuchh

Mehfil Mein Kuchh To Sunana Padta Hai,
Gham Chhupa Kar Muskurana Padta Hai,
Kabhi Hum Bhi Hua Karte The Unke Dost...
AajKal Dosto Ko Yaad Dilana Padta Hai.

महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है,
ग़म छुपाकर मुस्कराना पड़ता है,
कभी हम भी हुआ करते थे उनके दोस्त...
आजकल दोस्तों को याद दिलाना पड़ता है।

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Yaad Karke Roye

Tere Qareeb Se Jo Gujre Toh BeKhudi Mein The Hum,
Kuchh Dur Jaa Ke Sambhle Tujhe Yaad Karke Roye.

तेरे पास से जो गुजरे तो बेखुदी में थे हम,
कुछ दूर जाके संभले तुझे याद करके रोये।

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Shahar Mein Bacha Hi Kya Hai

अब तेरे शहर में रहने को बचा ही क्या है,
जुदाई सह ली तो सहने को बचा ही क्या है।

सब अजनबी हैं, तेरे नाम से जाने मुझको,
पढ़ने वाला नहीं, लिखने को बचा ही क्या है।

ये भी सच है कि मेरा नाम आशिकों में नहीं,
बनके दीवाना तेरा, उछलने में रखा ही क्या है।

तू ही तू था कभी, अब मैं भी ना रहा,
वो जलवा भी नहीं मिटने को बचा ही क्या है।

मरना बाकी है तो, मर भी जायेंगे एक दिन,
सुनने बाला नहीं, कहने को बचा ही क्या है।

~राजेंद्र कुमार

वो खुद आता नहीं

कभी यादें कभी आँखों में
पानी भेज देता है,
वो खुद आता नहीं
अपनी निशानी भेज देता है।

Kabhi Yaadein Kabhi Aankhon Mein
Paani Bhej Deta Hai,
Wo Khud Aata Nahin
Apni Nishaani Bhej Deta Hai.

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Surkh Gulab Si Tum

Surkh Gulab Si Tum Shayari

सुर्ख गुलाब सी तुम हो,
जिन्दगी के बहाव सी तुम हो,
हर कोई पढ़ने को बेकरार,
पढ़ने वाली किताब सी तुम हो।

तुम्हीं हो फगवां की सर्द हवा,
मौसम की पहली बरसात सी तुम हो,
समन्दर से भी गहरी,
आशिकों के ख्वाब सी तुम हो।

रहनुमा हो जमाने की,
जीने के अन्दाज सी तुम हो,
नजर हैं कातिलाना,
बोतलों में बन्द शराब सी तुम हो।

गुनगुनी धुप हो शीत की,
तपती घूप मैं छाँव सी तुम हो,
आरती का दीप हो,
भक्ति के आर्शीवाद सी तुम हों।

ता उम्र लिखता रहे कुमार
हर सवाल के जवाब सी तुम हो।

~राजेंद्र कुमार

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Dosti Mein Imtihaan Na Lena

Dosti Mein Kisi Ka Imtihaan Na Lena,
Nibha Na Sako Wo Kisi Ko Vaada Na Karna,
Jise Tum Bin Jeene Ki Aadat Hi Na Ho,
Use Khud Se Door Rehne Ki Duaa Na Dena.

दोस्ती में किसी का इम्तिहान न लेना,
निभा न सको वो किसी को वादा न देना,
जिसे तुम बिन जीने की आदत न हो,
उसे जिन्दगी जीने की दुआ न देना।

Ek Kabr Nayi Hogi

ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ,
एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।

Dhoondhoge Kahaan Mujhko, Mera Pata Lete Jaao,
Ek Kabr Nayi Hogi Ek Jalta Deeya Hoga.

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Karoon Jo Aah To

वो खून बनके मेरी रगों में मचलता है,
करूँ जो आह तो लब से धुँआ निकलता है,
मोहब्बत का रिश्ता भी अजीब है यारों,
ये ऐसा घर है जो बरसात में भी जलता है।

Wo Khoon Banke Meri Ragon Mein Machalta Hai,
Karoon Jo Aah To Lab Se Dhuaan Nikalta Hai,
Mohabbat Ka Rishta Bhi Ajeeb Hai Yaaron,
Ye Aisa Ghar Hai Jo Barsaat Mein Bhi Jalta Hai.