हिंदी शायरी

Shauk-e-Safar Kahan Le Gaya

Shauk-e-Safar Kahan Le Gaya Shayari

शौक-ए-सफ़र कहाँ से कहाँ ले गया हमें,
हम जिस को छोड़ आये हैं मंजिल वही तो थी।

Shauk-e-Safar Kahan Se Kahan Le Gaya Humein,
Hum Jis Ko Chhod Aaye Hain Manzil Wahi To Thi.

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कुछ मैं भी थक गया

कुछ मैं भी थक गया उसे ढूँढ़ते हुए,
कुछ ज़िन्दगी के पास भी मोहलत नहीं रही,
उसकी हर एक अदा से झलकने लगा खलूस,
जब मुझको ऐतबार की आदत नहीं रही।

Kuchh Main Bhi Thak Gaya Use Dhoondhate Huye,
Kuchh Zindagi Ke Paas Bhi Mohalat Nahin Rahi,
Uski Har Ek Adaa Se Jhalakne Laga Khaloos,
Jab Mujhko Aitbaar Ki Aadat Nahin Rahi.

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Kise Paar Utarna Hai

कौन डूबेगा किसे पार उतरना है ज़फ़र,
फ़ैसला वक़्त के दरिया में उतर कर होगा।

Kaun Doobega Kise Paar Utarna Hai Zafar,
Faisla Waqt Ke Dariya Mein Utar Mein Utar Kar Hoga.

Aisa Gam De Gaya

Aisa Gam De Gaya Shayari

हर शरारत को जिसकी था माना मोहब्बत,
कोई बनाके यूँ अपना ज़हर दे गया,
सितम ऐसा जमाने में कोई और नहीं,
वो होकर जुदा ऐसा ग़म दे गया।

बहारों से लड़ा था मैं जिसके लिए,
वो उजड़ा सा मुझको चमन दे गया,
मुझे रहना नहीं अब एक पल भी यहाँ,
वो ज़ख्मों से भरा एक शहर दे गया।
~बलराम सिंह

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चाहत जो बिछड़ने लगी

अब तो तबियत हमारी बिगड़ने लगी है,
कोई चाहत जो हमसे बिछड़ने लगी है,
आरज़ू जो कोई दिल में दबी रह गयी,
अब बन के धुआँ कहीं उड़ने लगी है,
हर अक्स तेरा दिल की गहराई में है,
रूह दिल के ज़ख्मों से डरने लगी है।
~बलराम सिंह

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Dard-e-Dil Ki Dawa

अब मेरे दर्द-ए-दिल की दवा तू न कर,
हर दवा तेरी यूँ ही बिखर जाएगी,
दिल के ज़ख्मों पे तू कोई मरहम न कर,
ये अदा तेरी दिल में उतर जाएगी,
आशियाना है ग़म-ए-ज़िन्दगी का मेरी,
दूर होते ही उल्फ़त बिखर जाएगी।
~ बलराम सिंह

Hausla Aasmaan Ko Chhoone Ka

Hausla Aasmaan Ko Chhoone Ka Shayari

तालीमें नहीं दी जाती परिंदों को उड़ानों की,
वे खुद ही तय करते है, ऊँचाई आसमानों की,
रखते हैं जो हौसला आसमां को छूने का,
वो नहीं करते परवाह जमीन पे गिर जाने की।

Taleemen Di Nahin Jaati Parindon Ko Udaano Ki,
Wo Khud Hi Tay Karte Hai, Udaanein Aasmaano Ki,
Rakhte Hain Jo Hausla Aasmaan Ko Chhoone Ka,
Wo Nahin Karte Parwaah Jameen Pe Gir Jaane Ki.

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Kadi Dhoop Mein Chalata Hoon

Kadi Dhoop Mein Chalata Hoon Iss Yakeen Ke Saath,
Main Jaloonga To Mere Ghar Mein Ujaala Hoga.

कड़ी धूप में चलता हूँ इस यकीन के साथ,
मैं जलूँगा तो मेरे घर में उजाला होगा।