हिंदी शायरी

Waqt Yoon Hi Nikal Gaya

देखते-देखते सुनते-सुनाते वक़्त यूं ही निकल गया,
बिना किसी को बताये समां यूं ही बीत गया,
अब पलट कर देखते हैं तो ये सोचते हैं,
कि काश उसको बता दिया होता,
तो ये आज हमारा कुछ अलग सा होता..!

Dekhte-Dekhte Sunte-Sunaate Waqt Yoon Hi Nikal Gaya,
Bina Kisi Ko Bataaye Samaay Yoon Hi Beet Gaya,
Ab Palat Kar Dekhate Hain To Ye Sochate Hain,
Ki Kaash Usko Bata Diya Hota,
To Ye Aaj Humara Kuchh Alag Sa Hota.

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Dost Aapki Zarurat Rahegi

यादों से ज़िन्दगी खूबसूरत रहेगी,
निगाहों में हर पल ये सूरत रहेगी,
कोई न ले सकेगा कभी आपकी जगह
दोस्त हमें हमेशा आपकी ज़रुरत रहेगी।

Yaadon Se Zindagi Khoobasoorat Rahegi,
Nigaahon Mein Har Pal Ye Soorat Rahegi,
Koyi Na Le Sakega Kabhi Aapki Jagah,
Dost Humein Hamesha Aapki Zarurat Rahegi.

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Zindagi Tu Beparwaah Si

ज़िन्दगी तू तो बेपरवाह सी चली जाती है
मुड़ के देख तो सही,
कितने जख्मो के निशां अभी बाकी है।

बिछड़ना यार का जो दे गया,
उस दर्द की तौबा।
अधूरी आस, एक एहसास,
वो वस्ल-ए-यार बाकी है।

बड़ी शिद्दत से पाया था जिसे
वो आशना मेरा।
फ़कत अभी हाथ थामा था,
बना वो हमसफ़र मेरा।

थे गुजरे साथ पल दो पल,
चले थे दो कदम ही बस।
अभी तो साथ चलना है,
कि मंज़िल दूर काफी है।

Kyun Khud Apne Aap Ke

कहते-कहते बदल देता है क्यूँ बातों का रुख,
क्यूँ खुद अपने आप के साथ वो सच्चा नहीं।

Kehte-Kehte Badal Deta Hai Kyun Baaton Ka Rukh,
Kyun Khud Apne Aap Ke Saath Wo Sachcha Nahi.

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Wo Raahein Yaad Aati Hain

वो गलियाँ वो चौबारा अब वो राहें याद आती हैं,
सोये थे जिन बाहों में हमें वो बाहें याद आती हैं।

वो जब अपने शहर में पहली दफा ही मुझको देखी थी,
फिर जो मिलाई थी उसने वो निगाहें याद आती हैं।

~ गौतम गोरखपुरी

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Wo Chirag Jo Raat Bhar

वो चराग़ जो रात भर सफ़र में होगा,
नहीं सोचता क्या उसका सहर में होगा।

अज़ब चुप सी लगी है तमाम चेहरों पे,
न जाने कौन सा हादसा अब शहर में होगा।

परिंदे को चहकने में अभी वक़्त लगेगा,
कफ़स तो टूट गया है अभी वो डर में होगा।

मेरे घर का हर कोना जवाब माँगता है,
इस दफा इम्तिहान तेरे घर में होगा।

यूँ ही नहीं वो जिगर के पार उतर गया,
कुछ तो इज़्तराब उस खंज़र में होगा।

देखना सुरंग के उस पार फिर पहुँच जायेगा,
इक क़तरा रौशनी का फिर नज़र में होगा।

~ राकेश कुशवाहा

Pee Chuke Aankhon Se

पी चुके आँखों से बहुत अब और शराब रहने दो,
उसके चेहरे की बात करते हैं, जिक्र-ए-गुलाब रहने दो।

फजा ने गिरा दिये पत्ते उनके जाने की राह पर,
उसे पतझड़ तुम कहो मुझें बहार कहने दो।

खूबसूरती बला की उसमें पर बला से कम नहीं,
खौफ कयामत का हैं चेहरे पे हिसाब रहने दो।

लफ्ज लिखे जो स्याही रात में अहसास की कलम से,
दिखते,मिटते क्यूँ नही ये अब ये सवाल रहने दो।

मत उछालो काँच के खिलौनों को टूट जाऐगा,
दिलों से खेलने वालो मत लो जवाब रहने दो।

~ बिपिन मौर्या

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Aur Rulaana Chahte Hain

मैं आँखें बिछाए बैठा हूँ उन्हीं राहों पर,
मगर शायद वो लौटकर न आना चाहते हैं,
न दो सलाह मुझे खुश रहने की,
शायद वो मुझे अभी और रुलाना चाहते हैं।

Main Aankhein Bichhaye Baitha Hoon Unhin Raahon Par,
Magar Shayad Wo Lautakar Na Aana Chaahte Hain,
Na Do Salah Mujhe Khush Rehne Ki,
Shayad Wo Mujhe Abhi Aur Rulaana Chahte Hain.