हिंदी शायरी

सवाल बहुत थे

सवाल बहुत थे
जवाब कुछ भी नहीं था,
सफर पुराना था मगर
अंजाम कुछ भी नहीं था,

कदम बेतरतीब चले जा रहे थे
हिसाब कुछ भी नहीं था,
पिघल रहे थे हौसले मेरे बर्फ की मानिंद
बेहिसाब कुछ भी नहीं था,

वो मिले राह में चलते-चलते
तब थकान कुछ भी नहीं थी,
ठहरकर मुझे इश्क़ की गली में
पर मकाम कुछ भी नहीं था,

पल-ए-सुकून मिला ज़रूर
जवाब कुछ भी नहीं था,
लाजवाब था उनका मिलना
पर उनकी नज़रो में
मेरा प्यार कुछ भी नहीं था।

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बेकरारी ही बेकरारी है

शाम से आज साँस भारी है,
बेकरारी ही बेकरारी है,
आपके बाद हर घड़ी हमने,
आपकी याद के साथ गुजारी है।

Shaam Se Aaj Saans Bhaari Hai,
BeKaraari Hi BeKaraari Hai,
Aapke Baad Har Ghadi Humne,
Aapki Yaad Ke Sath Gujaari Hai.

तुझे भूलने की कोशिशें
कभी कामयाब न हो सकें,
तेरी याद शाख-ए-गुलाब
है हवा चली तो महक गई।

Tujhe Bhoolne Ki Koshishein
Kabhi Kamyaab Na Ho Sakin,
Teri Yaad Shaakh-e-Gulab Hai
Hawa Chali To Mahek Gayi.

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वास्ता किसी से नहीं

आज से हम बदलेंगे अंदाज़-ए-ज़िन्दगी,
राब्ता सबसे होगा वास्ता किसी से नहीं।

Aaj Se Badlenge Hum Andaaz-e-Zindagi,
Raabta Sabse Hoga Wasta Kisi Se Nahi.

वफा तुमसे न होगी

एक तुम हो कि वफा तुमसे न होगी, न हुई,
एक हम कि तकाजा न किया है, न करेंगे।

Ek Tum Ho Ke Wafa Tumse Na Hogi, Na Huyi,
Ek Hum ke Takaja Na Kiya Hai, Na Karenge.

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मेरा दिल तुझसे पूछेगा

मेरा दिल भी कभी तुझसे पूछेगा एक दिन,
तू ने किसको आबाद किया मुझे बर्बाद करके।

Mera Dil Bhi Kabhi Tujhse Puchhega Ek Din,
Tu Ne Kisko Aabad Kiya Mujhe Barbaad Karke.

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और तेरी याद आ गयी

आज फिर ढल गया दिन और रात आ गयी,
फिर तन्हाई में बैठने की बात आ गयी,
अभी तक तारों की पनाहों में बैठे ही थे,
कि चाँद को देखा और तेरी याद आ गयी।

Aaj Phir Dhal Gaya Din Aur Raat Aa Gayi,
Phir Tanhaai Mein Baithhane Ki Baat Aa Gayi,
Abhi Tak Taaron Ki Panaahon Mein Baithhe Hi The,
Ki Chaand Ko Dekha Aur Teri Yaad Aa Gayi.

मिट गई दुनिया हमारी

मिट गई दुनिया हमारी आसरा कोई नहीं,
बाँट ली खुशियॉ सभी ने ग़म बाँटता कोई नहीं।

बीच अपनों के भी रहकर लग रहा है ये मुझे,
अजनबी हूँ इस शहर में जानता कोई नहीं।

कैसे रिश्तेदार हैं ये कैसी है ये दोस्ती,
दौरे मुश्किल में हमारे काम आता कोई नहीं।

चैन दिन को है न रातों को सुकूं पाते हैं हम,
दर्द से फिर भी हमारे आशना कोई नहीं।

यूं तो सब हमदर्द हैं और हमनवा भी हैं मगर,
साथ गुरबत में जो दे दे ऐसा मेरा कोई नहीं।

मंजिले-राहत प पहुंचू किस तरह तू ही बता,
रहगुज़र है और मैं हूँ कारवॉ कोई नहीं।

जा के किसको हम सुनाए हाले-दिल तू ही बता,
सुनने वाला ग़म की मेरे दास्तॉ कोई नहीं।

ग़म के साये में है गुज़री उम्र भर ये ज़िंदगी,
दर्द की मेरे खुदाया क्या दवा कोई नहीं।

खा रहा है ठोकरे जाफर तन्हा परदेस में,
रहबरी करने को मेरी राहनुमा कोई नहीं।

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प्यारी सी गुड नाईट

प्यारी सी रात में, प्यारे से अन्धेरे में,
प्यारी सी नींद में, प्यारे से सपनो में,
प्यारे से अपनो को,
प्यारी सी गुड नाईट!!

Pyari Si Raat Mein, Pyare Se Andhere Mein,
Pyari Si Neend Mein, Pyare Se Sapno Mein,
Pyare Se Apno Ko,
Pyari Si Good Night!!